पानीपत। रिफाइनरी के आसपास बसे करीब आठ गांव के किसानों पर बीते शुक्रवार की रात भारी पड़ी। किसानों की करीब 10 हजार एकड़ में लगी फसलों को नुकसान हो गया।
इनमें गेहूं, बरसीम, जई, मटर आदि शामिल हैं। इन फसलों के पत्ते सूखकर पीले पड़ गए हैं। गांव के किसानों को आशंका है कि रिफाइनरी से गैस रिसाव के कारण उनकी फसल खराब हुई है। इस संबंध में ग्रामीणों की शिकायत पर मंगलवार को
कृषि विभाग की टीम ने मौका मुआयना किया। उन्होंने बताया कि प्राथमिक जांच में सामने आया है कि ये फसलें पाले की वजह से खराब हुई हैं। विस्तृत जांच के लिए अलग से कमेटी बनाई जाएगी।बता दें कि शुक्रवार की रात से लेकर अब तक
गांव गांजबड़, कचरौली, काबड़ी, राजपुर, बड़ौली, नोहरा, सौदापुर और कोहंड समेत करनाल जिले के भी कई गांव के खेतों की फसल और उनके पत्ते सूख कर पीले पड़ रहे हैं। गांवों के किसानों का कहना है कि उन्हें कई दिनों से दुर्गंध आ रही है
, जो अब ज्यादा बढ़ गई है। उन्होंने रिफाइनरी से गैस रिसाव की आशंका जताई। इसकी जांच के लिए कृषि विभाग के उप निदेशक डॉ. वजीर सिंह, एसडीए डॉ. राजेश भारद्वाज, कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ संयोजक डॉ. राजबीर गर्ग, खंड कृषि
अधिकारी डॉ. सेवा सिंह और एडीओ डॉ. राकेश कुमार समेत अन्य कृषिवैज्ञानिकों और विशेषज्ञों ने मंगलवार को खेतों का दौरा किया। किसानों ने गेहूं की फसल दिखाते हुए कहा कि फसल के पत्ते सूख चुके हैं।
मटर के पत्ते भी सूख कर पीले पड़ गए हैं। बरसीम की फसल तो पूरी तरह से नष्ट हो चुकी है। जई जैसी सख्त फसल भी इस मौसम में खराब होगी, ये विश्वास नहीं हो रहा है। इसी तरह सरसों की भी फसल खराब हो चुकी है। किसानों ने कहा कि अब उनके पास न फसलें बची हैं और न पशुुओं के लिए चारा है।